Monday, November 22, 2010

आमिर अब्बास की कविता 'पापा'



(यह आमिर अब्बास की कविता है। आमिर की उम्र 14 साल है।)

पापा मैं कभी भूल से भी आपको याद नहीं करता।
लेकिन जब मस्जिद की आज़ान देती है सुनाई,
तो आपकी याद अपने आप आ जाती है।

पापा मैं कभी आपको याद नहीं करता।
लेकिन जब कूकती है कोयल,
महकता है गुलाब,
खिलखिलाता है गुलमोहर
तो बहती हवा के साथ
आपकी याद अपने आप चली आती है।

पापा मैं कभी भूल से भी आपको याद नहीं करता।
पर जब काम से थक कर अम्मी चिल्लाती हैं मुझ पर,
तब ढूंढता हूँ आपको
कि आप मुझे अपनी गोद में छिपा लें।
तब पापा आपकी याद अपने आप चली आती है।

पापा मैं कभी भूल से भी आपको याद नहीं करता।
लेकिन आपकी याद अपने आप चली आती है मेरे पास।

3 comments:

miracle5169@gmail.com said...

hameN kya ki aamir ko khalati hai bahoot PAPA ki kami,
ye cashm-e-khushk haiN inme kisi tarah aati nahi nami.

संगीता स्वरुप ( गीत ) said...

बहुत बढ़िया कविता ...

सुशीला पुरी said...

आमिर के पापा कौन हैं ? वे भाग्यशाली हैं !