Tuesday, May 19, 2020

लावारिस की मौत



जो मर गया सड़क पर चलते चलते
विश्व के मानचित्र पर वह पहले भी लावारिस ही था.
मौत उसकी स्थिति को बदल नहीं पाई.

यह उस व्यक्ति की कहानी है जिसे बताया गया था
कि भारत माता कोई और नहीं, तुम हो.
यही सोच कर तो उसने अपने कंधों पर पूरा शहर उठा रखा था.
अपने बीवी-बच्चों को भी उसमें लगा रखा था.
अपने गाँव-जवार को बुला रखा था.
उसके ही पैरों पर शहर चलता था.
उसके ही कंधों पर जहाज़ उड़ते थे.

उसी शहर ने, जायदाद लिखवाने के बाद निकाल दिए गए बूढ़ों की तरह
उसको भी कह दिया, जाओ, तुमसे संक्रमण फैलता है.

उसके मुँह के शब्द सूख गए.
उसकी अभिव्यक्ति को काठ मार गया.
अपने बच्चे को क्या मुँह दिखाएगा,
यह सोच कर वह कट गया.

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