वो सरकार की लाज बचाने के लिए
भूख और बेरोज़गारी लेकर
ट्रेन की पटरी पर सो गए और कट गए.
अब कोई भी ये कह सकता है
कि सरकार का इसमें क्या दोष है ?
प्रधानमंत्री अकेला क्या क्या करेगा ?
ट्रेन की पटरी पर सो गए और कट गए.
अब कोई भी ये कह सकता है
कि सरकार का इसमें क्या दोष है ?
प्रधानमंत्री अकेला क्या क्या करेगा ?
कुछ रोटियाँ और चटनी
उन्होंने प्रधानमंत्री के खाने के लिए वहीं छोड़ दीं.
अगर प्रधानमंत्री खाएगा नहीं तो काम कैसे करेगा ?
ऐसा उन्होंने सोचा था.
उन्होंने प्रधानमंत्री के खाने के लिए वहीं छोड़ दीं.
अगर प्रधानमंत्री खाएगा नहीं तो काम कैसे करेगा ?
ऐसा उन्होंने सोचा था.
सरकार की लाज बचाने के लिए हर कोई सो रहा है.
हर किसी के लिए एक ट्रेन भी चल पड़ी है
और प्रधानमंत्री उनकी रोटियाँ बटोरने.
हर किसी के लिए एक ट्रेन भी चल पड़ी है
और प्रधानमंत्री उनकी रोटियाँ बटोरने.