tag:blogger.com,1999:blog-35424620.post4230190035864564277..comments2023-07-05T06:48:10.397-07:00Comments on अशोक राजपथ: इंसाफ़Farid Khanhttp://www.blogger.com/profile/04571533183189792862noreply@blogger.comBlogger7125tag:blogger.com,1999:blog-35424620.post-70999260987559889652010-10-27T02:57:32.395-07:002010-10-27T02:57:32.395-07:00आगाज ही इतना सुन्दर है , तो विस्तार भी बढियां ही र...आगाज ही इतना सुन्दर है , तो विस्तार भी बढियां ही रहेगा ! सुन्दर कविता है !Amrendra Nath Tripathihttps://www.blogger.com/profile/15162902441907572888noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-35424620.post-56624644703297873482010-10-26T07:17:25.312-07:002010-10-26T07:17:25.312-07:00ब्लॉग के लिए बधाई। इससे निरंतरता बनी रहेगी। और रच...ब्लॉग के लिए बधाई। इससे निरंतरता बनी रहेगी। और रचनाएँ एक जगह मिल जाएँगी। रही बात तकनीकी दिक्कतों की तो अभय जी के साथ कुछ घंटे बिताओ, सब समझ में आ जाएगा।ढाईआखरhttps://www.blogger.com/profile/01652717565027075912noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-35424620.post-23974777397618082942010-10-26T03:52:20.640-07:002010-10-26T03:52:20.640-07:00आपका नाम कलामे रूमी में देखा,मित्रों से सुना,आज आप...आपका नाम कलामे रूमी में देखा,मित्रों से सुना,आज आपकी कविता भी पढने को मिली। कविता को तो समझने की कोशिश कर रही हूँ। नए ब्लौग के लिए बधाई।<br />शीर्षक को title ( which will be below हमन है ....., Posting and then New post and in a rectangular box) डाल दीजिए। आप तो बस पोस्ट डालते जाइए, यहाँ सहायता करने वालों की कमी नहीं है।<br />यूँ ही लिखते रहिए।<br />घुघूती बासूतीghughutibasutihttps://www.blogger.com/profile/06098260346298529829noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-35424620.post-19649731356556408482010-10-26T03:04:48.309-07:002010-10-26T03:04:48.309-07:00फरीद जी, कविता और ब्लॉग दोनों के लिए बधाई. उम्मीद ...फरीद जी, कविता और ब्लॉग दोनों के लिए बधाई. उम्मीद है अच्छी कविताओं का लाभ इसी तरह मिलता रहेगा..........Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/02306197037907348118noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-35424620.post-52248340234156507322010-10-26T02:56:49.715-07:002010-10-26T02:56:49.715-07:00प्रिय भाई फ़रीद,
फेसबुक के दौर में भी आपने एक श्रम-...प्रिय भाई फ़रीद,<br />फेसबुक के दौर में भी आपने एक श्रम-साध्य किन्तु रचनात्मक माध्यम अपनाया , आभार। सातत्य बनाए रखिएगा ।<br />सप्रेम शुभ कामना.अफ़लातूनhttps://www.blogger.com/profile/08027328950261133052noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-35424620.post-75766084211132501472010-10-26T02:04:57.184-07:002010-10-26T02:04:57.184-07:00सर, शुक्रिया। पर मैं समझ नहीं पा रहा हूँ कैसे क्या...सर, शुक्रिया। पर मैं समझ नहीं पा रहा हूँ कैसे क्या करना होता है। उसी में अभी उलझा हुआ हूँ और प्रयोग के तौर पर एक कविता डाल दी। पर शीर्षक कैसे पड़ता है वही खोज रहा हूँ। इसके अलावा ले-आऊट और डिज़ायन आदि बहुत आड़ा तिरछा हो रहा है। देखते हैं .......।Farid Khanhttps://www.blogger.com/profile/04571533183189792862noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-35424620.post-24635014513559256492010-10-25T10:24:32.120-07:002010-10-25T10:24:32.120-07:00कविता तो अच्छी है ही, हालांकि स्थितियां विषम है। फ...कविता तो अच्छी है ही, हालांकि स्थितियां विषम है। फिर भी ब्लौग खोलने की बधाई स्वीकारो!अभय तिवारीhttps://www.blogger.com/profile/05954884020242766837noreply@blogger.com