tag:blogger.com,1999:blog-35424620.post2446691392398194602..comments2023-07-05T06:48:10.397-07:00Comments on अशोक राजपथ: आभासी युद्धFarid Khanhttp://www.blogger.com/profile/04571533183189792862noreply@blogger.comBlogger4125tag:blogger.com,1999:blog-35424620.post-17628072450964542762010-11-24T16:13:48.749-08:002010-11-24T16:13:48.749-08:00सही कहा आपने , कुछ समेटने की चक्कर में सब लुट जाता...सही कहा आपने , कुछ समेटने की चक्कर में सब लुट जाता है . कभी कभी ख्याल आता है .. और कितना और बदतर और विवेकहीन हो सकता है मानव !दीपशिखा वर्मा / DEEPSHIKHA VERMAhttps://www.blogger.com/profile/12486880239305153162noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-35424620.post-54840635379930247062010-11-11T23:54:16.064-08:002010-11-11T23:54:16.064-08:00बहुत बहुत शानदार।
अमरीका की नाक के नीचे बैठकर छोट...बहुत बहुत शानदार। <br />अमरीका की नाक के नीचे बैठकर छोटा सा देश अमरीका की बैंड बजा रहा है और अमरीका उसका कुछ न बिगाड़ पाया।मनीषा पांडेhttps://www.blogger.com/profile/01771275949371202944noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-35424620.post-87592332276358704192010-11-11T22:46:57.257-08:002010-11-11T22:46:57.257-08:00भाई फरीद ख़ान जी इतिहास की जानकारी बाँटती और अपनी ...भाई फरीद ख़ान जी इतिहास की जानकारी बाँटती और अपनी राय उँडेलती आपकी कविता को पढ़ना सुखद अनुभव रहा| यह कविता 'ध्वंस के बाद के शून्य' की सफलतम विवेचनाओं में से एक होनी चाहिए|www.navincchaturvedi.blogspot.comhttps://www.blogger.com/profile/07881796115131060758noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-35424620.post-88426855656549432752010-11-11T20:53:47.322-08:002010-11-11T20:53:47.322-08:00ओह , कैसे कैसे खेल ....ओह , कैसे कैसे खेल ....संगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.com